लेखनी कहानी - विष्णु पुराण - अध्याय - ४८

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अध्याय - ४८ महाराज रजि और उनके पुत्रोंका चरित्र श्रीपराशरजी बोले रजिके अतुलित बलपराक्रमशाली पाँच सौ पुत्र थे ॥१॥ एक बार देवासुरसंग्रामके आरम्भके एक - दुसरेकी मारनेकी इच्छावाले देवता और दैत्योंने ...

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